BHRAMAR KA JHAROKHA DARD E DIL WELCOMES YOU

Thursday 25 August 2011

भ्रष्टाचारी भारत में -रह लो ?? नहीं -कहेंगे-भारत छोडो …

भ्रष्टाचारी भारत में -रह लो ??
नहीं -कहेंगे-भारत छोडो …
गोरे होते तो कह देते
“काले” हो तुम-भाई -मेरे
शर्म हमें -ये “नारा’ देते
0818-anna-hazare-india_full_600

———————-
ये आन्दोलन बहुत बड़ा है
खून –पसीना- सभी लगा है !
बहने -भाई -बाप तुम्हारा
बेटा देखो साथ खड़ा है !!
—————————
हम चाहें तो गरजें बरसें
आंधी तूफाँ कहर दिखाएँ
चपला सी गिर राख बनायें
इतने महल जो भूखे रख के
तुमने बासठ साल बनाये
मिनट में सारे ढहा दिखाएँ
शांत सिन्धु लहराते आयें
और सुनामी हम बन जाएँ !!
—————————-
कदम -ताल में शक्ति हमारे
कांपें भू -वो जोश दिखाएँ
पांच पञ्च के हम सब प्यारे
न्याय अहिंसा के मतवारे
लाठी गोली की आदत तो
वीर शहीदों ने सिखलाये
—————————
भूखे अनशन पर हम बैठे
लूटे जो -कुछ उसे बचाएं ??
गाँधी -अन्ना भूखे बैठे
भ्रष्टाचारी किस-मिस खाएं
जो ईमान की बात भी कर दे
छलनी गोली से हो जाए
——————————–
हे रक्षक ना भक्षक बन जा
गेहूं के संग घुन पिस जाएँ
क्या चाहे तू यज्ञं कराएं
तक्षक -नाग-सांप जल जाएँ
————————————
हमसे भाई “भेद ” रखो ना
घर में रह के “सेंध” करो ना
जिस थाली में खाना खाते
काहे छेद उसी को डाले
—————————
कल बीबी बेलन ले दौड़े
बेटा -गला दबाने दौड़े
दर्पण देख के तुझको रोये
तू क्या चाहे ?? ऐसा होए ??
————————————–
शुक्ल भ्रमर ५
२५.०८.२०११ जल पी बी




DE AISA AASHISH MUJHE MAA AANKHON KA TARA BAN JAOON

Monday 22 August 2011

आज मथुरा में -हाँ आज गोकुला में छाई खुशियाली श्याम जू पैदा भये

आप सभी को श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर ढेर सारी हार्दिक शुभ कामनाएं आइये आवाहन करें की कृष्ण हम सब में आयें और अनाचार मिटायें हमारे सभी आन्दोलन सफल हों और दुराचारी भ्रष्टाचारी मुह की खाएं-इस कलयुग में द्वापर की बातें याद आ जाती हैं -आज तो कितनी द्रौपदी बेचारी कोई कान्हा नहीं पाती हैं ..ग्वाल बाल सब .सखियों सहेलियों का पवित्र प्यार अब कहाँ …जो भी हो आज अपने अंगना में गोपाला को आइये लायें ….गोदी में खिलाएं ….स्वागत करें …काले काले बदरा ..भादों का महीना … -भ्रमर ५
———–भ्रमर गीत———
3-6933cf0547.jpg-krishna-1

श्याम जू पैदा भये
आज मथुरा में -हाँ आज गोकुला में
छाई खुशियाली
श्याम जू पैदा भये
आज मथुरा में -हाँ आज गोकुला में
छाई खुशियाली
श्याम जू पैदा भये !!

ढोल मजीरा तो हर दिन बाजे
आज घर घर बजे सब की थाली
श्याम जू पैदा भये
4-547e9811af.jpg-krishna-2

घुंघटा वाली नाचे चूड़ी कंगन बजाई के
बच्चे बूढ़े भी नाचें बजा ताली
श्याम जू पैदा भये
आज मथुरा में -हाँ आज गोकुला में
छाई खुशियाली
श्याम जू पैदा भये !!

बदरा बजाये पशु पक्षी भी नाचें
पेड़ पौधों में छाई हरियाली
श्याम जू पैदा भये
आज मथुरा में -हाँ आज गोकुला में
छाई खुशियाली
श्याम जू पैदा भये !!

कृष्ण पाख कुछ चाँद छिपावे
आज घर घर मने है दिवाली
श्याम जू पैदा भये
आज मथुरा में -हाँ आज गोकुला में
छाई खुशियाली
श्याम जू पैदा भये !!

भादों में नदी नाले सागर बने
कान्हा चरण छुए यमुना भयीं खाली
श्याम जू पैदा भये
आज मथुरा में -हाँ आज गोकुला में
छाई खुशियाली
श्याम जू पैदा भये !!

पूत जने माई बप्पा तो झूमें
आज देशवा ख़ुशी भागशाली
श्याम जू पैदा भये
आज मथुरा में -हाँ आज गोकुला में
छाई खुशियाली
श्याम जू पैदा भये !!
——————-

कृपया मेरी अन्य तरह की रचनाएँ मेरे अन्य ब्लॉग पर पढ़ें जो इस पृष्ठ पर दायीं तरफ रहती हैं ….
सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर ५
२२.०८.२०११
प्रतापगढ़ उ.प्र. ६.३० पूर्वाह्न



DE AISA AASHISH MUJHE MAA AANKHON KA TARA BAN JAOON

Sunday 21 August 2011

कलयुग है या भ्रष्टतंत्र है तानाशाही-अत्याचार???

कलयुग है या भ्रष्टतंत्र है

तानाशाही-अत्याचार???

चार जमा कर स्विस में बैठे

भूखे मरें हजार .................



-----------------------------------

चक्की में जो पिसे लोग हैं

अब चक्की पर चढ़ बैठे !

लिए हथौड़ा छेनी संग में

कितनी मूर्ति ---गढ़ बैठे !!




-------------------------

जला -"दिया" है -पूंछ सुलगती

कभी धमाका हो सकता !

अंधियारे में डींग हांकती

सोयी बैठी है सरकार !!

--------------------------

इतने दिन में ना लिख पाओ

"रामायण" कोई बात नहीं

राम से मिल के चरण पकड़ के

राम कथा के नीति नियम -

"कुछ "- लगे लगा लो बात बने !!

------------------------------------

रावण सा तुम अहं भरो ना

समय चक्र चलता है -"काल"

मन में मैल भरी जो धो लो

आँखों से पट्टी तो खोलो

गांधारी- धृत राष्ट्र- बनो ना

कौरव -तेरे ना टिक पायें

"पांच" पांडव- हैं दमदार !!

-----------------------------

पत्थर ढोती वानर सेना

पुल भी कभी बना सकती

ले मशाल जो बढ़ निकली है

लंका- आग लगा सकती !!

----------------------------

पास विभीषण हैं तेरे भी

कुछ मंदोदरी भी हैं बैठी

उनकी भी कुछ बात सुनो हे !

दंभ भरो ना हे पाखंडी !!

---------------------------------

(सभी फोटो गूगल /नेट/याहू से साभार )

शुक्ल भ्रमर ५

१०.२० मध्याह्न जल पी बी

२०.०८.२०११



दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं

DE AISA AASHISH MUJHE MAA AANKHON KA TARA BAN JAOON

Friday 19 August 2011

निज मन तू पहचाने बन्दे पूत आत्मा तेरी

निज मन तू पहचाने बन्दे

पूत आत्मा तेरी

निश्छल गंगा से बहने दे

कभी न होए मैली !!

-------------------------

सोना चांदी लाद -लाद तन

मन पर बोझ बढ़ाये

ममता प्यार सत्य अनुशासन

नियम -नीति भूला जाए !!

----------------------------

बही दिखावा गठरी सारी

अहम बड़प्पन सारे

छीन झपट घर महल सजाना

व्यर्थ -काम ना आते !!

------------------------

दान मान मर्यादा -धीरज

संयम दया प्रेम रख -सारे

भूखे को रोटी दे देना

अंधियारे में दीप जला दे

ख़ुशी किसी चेहरे दे देना

मीठे बोल -घोल रस देना !!

----------------------------

सत्कर्मों या दुष्कर्मों का

फल है निश्चित-लेना

गाँठ बाँध मन सोच रे भाई

क्या बबूल से -आम है लेना !!

--------------------------------

अंत में नंगे कर नहलाएं

गहने -कपडे -सभी उतारें

गठरी-गुण-धर्मों की बांधें

लूट कोई ना पाए !!

---------------------------

यही चले है संग तुम्हारे

धर्मराज "स्वागत" आते

यही आत्मा आलोकित हो

"अमर" -धरा को स्वर्ग करे !!

-----------------------------------

सुरेन्द्र कुमार शुक्ल "भ्रमर"५

२३.०७.२०११ ७.५१ पूर्वाह्न


DE AISA AASHISH MUJHE MAA AANKHON KA TARA BAN JAOON

Sunday 14 August 2011

प्यार से कीमती कोई दौलत नहीं


मेरे सपनो की तस्वीर खाली पड़ी

रंग भर दोगे मुझको ये अनुमान दो

मंदिरों में भटकता नहीं मूर्ति बोली

प्राण बन जाओगे कोई आभास दो

मेरे सपनो की तस्वीर.......

जंगलों में भटकता रहा रात दिन

ये भी वीरान से -तुम कहाँ -ख्वाब दो

पर्वतों पे चढ़ा पाँव घायल किया

रक्त रिश्ता है उर से -उपचार दो !!

ढूंढता मै फिर हर नगर गाँव घर

हो जो परदे में भी चाँद को न ढको

कितना सुन्दर लगे -तोता मैना उड़े

कैद खुद को जकड दुःख सभी को न दो

मेरे सपनो की तस्वीर...

प्यार से कीमती कोई दौलत नहीं

भाया कोई जो मन गुफ्तगू तो करो

दीप मै हूँ जलूँगा सदा ही सनम

रोज देखो मगर ना बुझाया करो

मेरे सपनो की तस्वीर खाली पड़ी

रंग भर दोगे मुझको ये अनुमान दो

सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर५

14.08.2011 jal pee bee

DE AISA AASHISH MUJHE MAA AANKHON KA TARA BAN JAOON

Saturday 13 August 2011

तेरी रक्षा का प्रण बहना रग-रग में राखी दौडाई


बहना मेरी दूर पड़ा मै

दिल के तू है पास

अभी बोल देगी तू "भैया"

सदा लगी है आस

-------------------

मुन्नी -गुडिया प्यारी मेरी

तू है मेरा खिलौना

मै मुन्ना-पप्पू-बबलू हूँ

बिन तेरे मेरा क्या होना !

---------------------------

तू ही मेरी सखी सहेली

कितना खेल खिलाया

कभी -कभी मेरी नाक पकड़ के

तूने बहुत चिढाया !

--------------------

थाली में तू अपना हिस्सा

चोरी से था डाल खिलाया

जान से प्यारी मेरी बहना

भैया का गहना है बहना !!

----------------------------

जब एकाकी मै होता हूँ

सजी थाल तेरी वो दिखती

चन्दन जभी लगाती थी तू

पूजा- मेरी आरती- करती !

रक्षा -बंधन और मिठाई

दस-दस पकवान पकाती थी

-----------------------------






बाँध दिया बंधन से तूने

ये अटूट रक्षा जो करता

मेरी बहना सदा निडर हो

ख़ुशी रहे दिल हर पल कहता

-------------------------------


जहाँ रहे तू जिस बगिया में

हरी-भरी हो फूल खिले हों

ऐसे ही ये प्यारा बंधन

सब मन में हो -गले लगे हों

-------------------------------

तू गंगा गोदावरी सीता

तू पवित्र मेरी पावन गीता

तेरी राखी आई पाया

चूम इसे मै गले लगाया

-----------------------------

कितने दृश्य उभर आये रे

आँख बंद कर हूँ मै बैठा

जैसे तू है बांधे राखी

मन -सपने-उड़ता मै "पाखी"

---------------------------------

तेरी रक्षा का प्रण बहना

रग-रग में राखी दौडाई

और नहीं लिख पाऊँ बहना

आँख छलक मेरी भर आई

---------------------------------

सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर ५

१३.०८.११ ८.४५ पूर्वाह्न

जल पी बी




दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं


DE AISA AASHISH MUJHE MAA AANKHON KA TARA BAN JAOON

Monday 8 August 2011

भीष्म -शैय्या पर पड़े


भीष्म -शैय्या पर पड़े
आज आप “भीष्म ” शैय्या पर पड़े
इतने दिन सब कुछ सहे
आराम से खून देते जा रहे हैं

high-school-student_~957906

दीजिये -ख़ुशी है












लेकिन हम मच्छर नहीं

mosquito-feeding_~u15504651










की केवल अपना पेट भर के
आप को छोड़ देंगे
हमारी तो पूरी जमात है




mosquitoes-action_~k6225946


घर है परिवार है

और जब आप चेतना शून्य हो जायेंगे

तो हम सब आप के चाहने वालों को

घर परिवार को
आप की जमात को
एक -एक कर
बुला लेंगे
सुला देंगे
इसी शैय्या पर
खून देते रहने के लिए

MH900447141






(सभी फोटो साभार गूगल/नेट से लिया गया )

सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर ५
२८.७.२०११ जल पी बी
४.२९ पूर्वाह्न

Rate this Article:

1 Star2 Stars3 Stars4 Stars5 Stars (No Ratings Yet)


DE AISA AASHISH MUJHE MAA AANKHON KA TARA BAN JAOON

Saturday 6 August 2011

ये “भैंसा” - गैंडा सा मोटा चमड़ा लिए


भीड़ इकट्ठी होती है
शोर मचाती है
ढोल पीटती है
लेकिन उसकी लाल आँखें
बड़ी सींग
अपार शक्ति देख
कोई पास नहीं फटकता
कभी कुछ शांत निडर
खड़ा हो देखता
कान उटेर सब सुनता रहता
कभी कुछ दूर भाग भी जाता

buffalo_knp-5147gt













लेकिन ये “भैंसा”
गैंडा सा मोटा चमड़ा लिए
जिस पर की लाठी -डंडे -
तक का असर नहीं
खाता जा रहा
खलिहान चरता जा रहा
buffalo_ugr-ns022g










अब तो ये अकेला नहीं
“झुण्ड ” बना टिड्डी सा
यहाँ -वहां टूट पड़ता !!

( सभी फोटो गूगल/ नेट से साभार लिया गया )

सुरेन्द्र कुमार शुक्ल “भ्रमर ”
5.04 पूर्वाह्न जल पी बी
०६.०८.२०११



DE AISA AASHISH MUJHE MAA AANKHON KA TARA BAN JAOON

Thursday 4 August 2011

आई बरखा बहार –घर आ जा बलमू


आई बरखा बहार –घर आ जा बलमू
5143300-closeup-detail-of-texture-in-green-grass-lawnwith-rain-falling-on-it

आई बरखा बहार
रिमझिम पड़े ला फुहार
जियरा उमडि–उमडि तरसाए
घर आ जा बलमू !!
—————————–

नीम के डारी झूला पड़ गए
तन मन सब गदराया
धानी चुनरिया – पेंग लड़ाकर
उडि मन- ज्वालामुखी बनाया

P260311_14.57
हरियाली -संग फूल खिले- पर
पीला पड़ता गात हमारा
मूक नैन हों इत- उत भटकें
रिमझिम सावन मन ना भाता
जल्दी बरसे घहर-गरज कर
जियरा जरा जुडा जा
घर आ जा बलमू …..
—————————–
सखी सहेली राधा-कृष्णा
रास -रंग सब मन भरमाये !
पावस ऋतू नित बरस -बरस के
अग्नि काम भड़काए !
भीग-भीग इत उत घूमूं मै
नैन नीर हिय जेठ दुपहरी
बेबस पपीहा पीऊ -पुकारे !
सेजिया नींद न आये !
घर आ जा बलमू ————–
———————–
नागपंचमी पे आ जाना
गुडिया -गुड्डा –मेला- सर -का
जी भर लुत्फ़ उठाना
कजरी -मल्हार-वो मटर का दाना
मार-मार -वो सजा सजाया लाठी डंडा
कुश्ती- दंगल -हंसी ठिठोली

sawan_ke_jhule_b1
रंग रंगोली -झूले पर हे पेंग लगाये
पेंच लड़ाए -ज्यों पतंग सा
बदली तक मुझको पहुँचाना
इतने ऊपर !
इन्द्रधनुष से रंग बदल मै
शीतल हो जब बरस पडूँ
बूँद बूँद मोती बन जाये
हीरे सी मै चमक पडूँ
लिए बांसुरी- मीत – मल्हार
कजरी –गा- मै -कमल खिलूँ
तुम भौंरे हे ! बंद कली में
रात यहीं सो जाना
घर आ जा बलमू ……

( सभी फोटो साभार गूगल/नेट से लिया गया )

सुरेन्द्र कुमार शुक्ल “भ्रमर ”
4.08.2011, ५.३५ पूर्वाह्न जल पी बी


DE AISA AASHISH MUJHE MAA AANKHON KA TARA BAN JAOON